Pandokhar Sarkar chalisa pdf download पंडोखर सरकार चालीसा पीडीऍफ़

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आज के लेख  में हम आपको श्री पंडोखर चालीसा “Pandokhar Chalisa PDF” उपलब्ध करा रहे हैं! इस चालीसा को ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों तरह से पढ़ सकते हैं! Pandokhar Chalisa PDF को डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें!

आज के समय में पंडोखर बाबा धाम एक बहुत बड़ा आस्था का केंद्र बन गया है! पंडोखर बाबा के धाम में लोगों की काफी भीड़ होती है! पंडोखर बाबा की कृपा से काफी ऐसे चमत्कार होते हैं! जिसे देख भक्तगण पंडोखर धाम से जुड़ जाते हैं! पंडोखर धाम मंदिर में हनुमान जी की महिमा अत्यंत निराली है!

             

|| दोहा ||

शारद सुमरि मनहीं मन, भज गौरी के लाल ।

गुरु कृपा सन्मुख करू, कष्ट हरहि तत्काल ॥

बालाजी पूजन जहाँ, वहाँ बलि हनुमान ।

मन कुुटिया पर कर कृपा, देवा हाथीवान ॥

|| चौपाई ||

जय जय आदित्य कृपाला ।

तुम्हरो तेज जगत में आला ॥

वीर बली हनुमत से चेला ।

मानत विश्व चढ़ावहि तेला ॥

दवापर कर्ण जनहि तुम आनी ।

ना उन सम कोऊ जगदानी ॥

गुरु महिमा पंडोखर जागी।

जो जन आय होय बड़ भागी ॥

हाथीवान बीर बल धारी ।

परमहंस संगी हितकारी ॥

बरहा नाम सुन्दरही ग्रामा ।

हाथीवान देव को धामा ॥

गजवाहन पर देवा राजै।

सुन्दर सुखदही सूरत साजै ॥

पूरब दिश मंदिर जहि सोई।

सुन्दर सुखद रम्य जहि होई ॥

जो समाधि पश्चिम दिश होई।

परम हंस पागल की सोई ॥

पागल प्रेम जिनहि अति भारे ।

कटही बन्ध वे भये निवारे ॥

हर अमावस भरहि जहि मेला ।

भाजहि भूत हंसहि सब चेला ॥

कलयुग में जै पुन्य प्रतापी ।

मारही अधम होहि जो पापी ॥

सकल सिद्ध सब कारज होई।

जो जन आन तपै सो कोई ॥

जाके घर में झुले न पलना ।

जो तुरतहि चाहो तुम ललना ॥

हर मावस पंडोखर आई ।

ताको तुरतहि सुत मिल जाई ॥

जो जन दर पे मन से आई ।

मिटे अमंगल गवै बधाई ॥

भूतनाथ भूतेश के संगी |

काटहि फंद होही जो जंगी ॥

बाजहि गुरु को जब है डंडा ।

रोवत भूत पाहि बहु दंडा ॥

हाथीवान जब हाथ उठावै ।

उठा पटक तुरतहि मच जावै ॥

बरहा जिनहि महिमा न्यारी ।

वहु भाँति पूजहि नर नारी ॥

सिन्ध घाट के शेर कहावै।

जन-जन पर है सुख बरसावै ॥

कहाँ तक महिमा कहो बखानी ।

तुम सम नहीं कोऊ जगदानी ॥

तुम्हरो तेज सकल महि छाई ।

कहाँ तक देव करहु बड़ाई ॥

बाजे चहुँ दिश प्रभु को डंका ।

तुम सम नहि कोऊ रणवंका ॥

कृपा दृष्टि जापर होई जावे।

सो अपार धन संपत्ति पावे ॥

भक्तन को प्रभु भोले भाले ।

दुष्टन को वन जाते भाले ॥

सम दृष्टी देखहि सब काऊ ।

हिय में तनकहि भेद न भाऊ ॥

प्रात नमन कीनहि जो कोई ।

ताके सफल मनोरथ होई ॥

नहाँ-धोय रवि जलहि चढ़ावा ।

ताके तनह रोग न आवा ॥

जाके हिय में चैन न सोई ।

कुष्ट रोग जे जन के होई ॥

सो जन पाठ करहि मन लाई ।

प्रेम सहित जो माँनहु भाई ॥

रवि दिन ब्रत बालाजी कीजै ।

निज काया कंचन सी कीजै ॥

तुम्हरे चेला जगहि घनेरे ।

मानत तुमहि होई सब चेरे ॥

दुनियाँ देखही कृत्य तुम्हारे ।

पुलकि पुलकि मन मोद उछारे ॥

गौर वर्ण तन तेज विशाला ।

रथ आरूढ़ रहे परकाला ॥

तुम्हरो तेज प्रबल जगमाही ।

कोऊ न जगह जहाँ तुम नाही ॥

संकट में जो इनहि ध्यावै ।

सो जन सनमुख इनको पावै ॥

अति कुबुद्धि प्रभु होही दुखारी ।

ना जानहु पूजा अग्यारी

देव दया दसहि पै कीजै ।

प्रेम भाव उर में भर दीजै ॥

परमाथर हित सद बुद्धि कीजै ।

हृदय आन आसन प्रभु लीजै ॥

।। दोहा ।।

भय हरणे दुखभजने,

जन जन के सुख धाम मेरी भव बढ़ा हरो,

पूरन होवे काम ॥

बुद्धिहीन मोह जानिए, पंडोखर सरकार

मन मंदिरहि विराजिए, करहुँ सदा उपकार ॥

जय पंडोखर सरकार Jai Pandokhar sarkar

Pandokhar Chalisa PDF Download

श्री पंडोखर चालीसा को PDF प्रारूप में डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

 

Introduction:

In the tapestry of spiritual practices that enrich the diverse cultural landscape of our world, the recitation of chalisas holds a special place. Chalisas are devotional hymns or verses dedicated to revered deities or spiritual figures, often sung or chanted by devout followers seeking divine blessings. One such mystical and revered practice is the recitation of the “Pandokhar Sarkar Chalisa.”

हमारी दुनिया के विविध सांस्कृतिक दृष्टिकोण में जो स्प्रित्युअल प्रैक्टिसेस हैं, उनमें चालीसा के पठन का एक विशेष स्थान है। चालीसा विशेष दैवी प्राणियों या आध्यात्मिक आत्माओं के लिए समर्पित भक्ति गीत होती हैं, जो अपने आस्थानीय अनुयायियों द्वारा गाई जाती हैं जो दिव्य आशीर्वाद की कामना करते हैं। एक ऐसा एक प्राचीन और पवित्र प्रथा है “पंडोखर सरकार चालीसा” का पाठ।

Pandokhar Sarkar: A Divine Presence

Pandokhar Sarkar, also known as Saint Pandurang Shastri Athavale, was a revered spiritual leader, philosopher, and the founder of the Swadhyay Parivar. Born on October 19, 1920, in Roha, Maharashtra, Pandokhar Sarkar devoted his life to the service of humanity and the propagation of spiritual values.

पंडोखर सरकार, जिसे संत पांडुरंग शास्त्री अथवले भी कहा जाता है, एक पूज्य आध्यात्मिक नेता, दार्शनिक, और स्वाध्याय परिवार के संस्थापक थे। उनका जन्म 19 अक्टूबर 1920 को महाराष्ट्र के रोहा में हुआ था, और पंडोखर सरकार ने अपने जीवन को मानवता की सेवा और आध्यात्मिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार में समर्पित किया।

The Pandokhar Sarkar Chalisa:

The Pandokhar Sarkar Chalisa is a collection of forty verses, each composed with the aim of invoking divine grace, seeking guidance, and expressing devotion to Pandokhar Sarkar. Just like other chalisas, this devotional hymn is recited by followers to connect with the spiritual energy embodied by Pandokhar Sarkar.

पंडोखर सरकार चालीसा चालीस छंदों का संग्रह है, प्रत्येक को सांत्वना, मानवता की सेवा की गाथा, और पंडोखर सरकार के प्रति श्रद्धांजलि के उद्देश्य से रचा गया है। इस भक्तिमय स्तुति का पाठ करने से भक्त शांति, शांति, और आध्यात्मिक जागरूकता की गहरी अनुभूति करता है।

The Power of Devotion:

Devotees believe that the regular recitation of the Pandokhar Sarkar Chalisa brings about a profound sense of peace, tranquility, and spiritual awakening. It is seen as a means to purify the mind, enhance one’s sense of purpose, and draw closer to the divine.

अनुयायियों का मानना ​​है कि पंडोखर सरकार चालीसा को नियमित रूप से पठने से मन को शुद्ध करने, उद्दीपन की भावना को बढ़ाने, और दिव्य के प्रति करीब लाने की गहरी क्षमता आती है। इसे मान्यता है कि यह भक्ति के माध्यम से आत्मज्ञान की ओर एक पथ प्रदान करता है।

The Structure of Pandokhar Sarkar Chalisa:

Typically, a chalisa is composed of forty verses, and the Pandokhar Sarkar Chalisa follows this traditional structure. Each verse is meticulously crafted to capture the essence of the saint’s teachings, life philosophy, and the transformative power of spirituality.

सामान्यत: चालीसा में चालीस छंद होते हैं, और पंडोखर सरकार चालीसा इस पारंपरिक संरचना का पालन करता है। प्रत्येक छंद को उपनिषदों, संत के उपदेशों और आध्यात्मिक चिंतन के सुंदर संबंध में ध्यानपूर्वक रचा गया है।

Verses often touch upon themes such as humility, compassion, selfless service, and the importance of self-realization. Devotees recite these verses with devotion, faith, and sincerity, creating a sacred space for communion with the divine.

पंडोखर सरकार चालीसा की एक विशेषता यह है कि इसका समूहिक पठन होता है। अनुयायी अक्सर आध्यात्मिक समृद्धि के लिए एकत्र होकर, सत्संग के रूप में, चालीसा का सामूहिक पठन करते हैं। यह समूहिक प्रयास एकता और साझेदार आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए एक शक्तिशाली वातावरण बनाता है।

Communal Chanting:

One unique aspect of the Pandokhar Sarkar Chalisa is its communal chanting. Devotees often come together in spiritual congregations, known as satsangs, to collectively recite the chalisa. This communal practice fosters a sense of unity and shared spiritual energy, creating a powerful atmosphere for divine connection.

पंडोखर सरकार चालीसा संत पांडुरंग शास्त्री अथवले के अनन्त उपदेशों और उनके प्रारंभ किए गए आध्यात्मिक आंदोलन की बनावट का प्रतीक है। इस भक्तिमय गीत के पंक्तियों के माध्यम से, अनुयायियों को सांत्वना, प्रेरणा, और दिव्य से गहरा संबंध मिलता है।

Conclusion:

The Pandokhar Sarkar Chalisa stands as a testament to the enduring legacy of Saint Pandurang Shastri Athavale and the spiritual movement he initiated. Through the verses of this devotional hymn, followers continue to find solace, inspiration, and a deeper connection to the divine.

पंडोखर सरकार चालीसा को पठने का एक अद्वितीय आस्थान रखते हुए, यह भक्तिमय गीत भक्ति, ज्ञान, और आध्यात्मिक उद्दीपन के अनन्त सूत्रों को मिलाकर एक सुन्दर वस्त्र बनाता है। जब भक्त अपनी आवाज़ें मिलाते हैं, तो चालीसा प्रेम, दया, और विश्वास की अनंत शक्ति के साथ पुनः ध्वनित होती है।

In the tapestry of chalisas that adorn the spiritual landscape, the Pandokhar Sarkar Chalisa holds a special place, weaving together the threads of devotion, wisdom, and the eternal quest for spiritual enlightenment. As devotees unite their voices in harmony, the chalisa resonates with the timeless message of love, compassion, and the boundless power of faith.

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