हरषु ब्रम्ह चालीसा (Harsu Brahm Chalisa Pdf)का पाठ करने से हमें अद्भुद शक्ति मिलती है |आध्यात्मिकता का अद्वितीय और गहरा रंग हमारे जीवन को सुंदरता और आनंद से भर देता है। विभिन्न धर्मों और संप्रदायों में भगवान की भक्ति को व्यक्त करने के अनेक तरीके होते हैं, और उनमें से एक है चालीसा का पाठ करना। चालीसा हमें भगवान की महिमा के बारे में जानकारी देता है और हमें उनकी शरण में लेने की प्रेरणा प्रदान करता है। आज हम एक ऐसी चालीसा के बारे में बात करेंगे जो कि श्री हरसू ब्रह्म की महिमा को स्तुति करती है।
|| दोहा ||
बाबा हरसू ब्रह्म के चरणों का करि ध्यान।
चालीसा प्रस्तुत करूं पावन यश गुण गान॥
|| चोपाई ||
हरसू ब्रह्म रूप अवतारी।
जेहि पूजत नित नर अरु नारी॥१॥
शिव अनवद्य अनामय रूपा।
जन मंगल हित शिला स्वरूपा॥ २॥
विश्व कष्ट तम नाशक जोई।
ब्रह्म धाम मंह राजत सोई ॥३॥
निर्गुण निराकार जग व्यापी।
प्रकट भये बन ब्रह्म प्रतापी॥४॥
अनुभव गम्य प्रकाश स्वरूपा।
सोइ शिव प्रकट ब्रह्म के रूपा॥५॥
जगत प्राण जग जीवन दाता।
हरसू ब्रह्म हुए विखयाता॥६॥
पालन हरण सृजन कर जोई।
ब्रह्म रूप धरि प्रकटेउ सोई॥७॥
मन बच अगम अगोचर स्वामी।
हरसू ब्रह्म सोई अन्तर्यामी॥८॥
भव जन्मा त्यागा सब भव रस।
शित निर्लेप अमान एक रस॥९॥
चैनपुर सुखधाम मनोहर।
जहां विराजत ब्रह्म निरन्तर॥१०॥
ब्रह्म तेज वर्धित तव क्षण-क्षण।
प्रमुदित होत निरन्तर जन-मन॥११॥
द्विज द्रोही नृप को तुम नासा।
आज मिटावत जन-मन त्रासा॥१२॥
दे संतान सृजन तुम करते।
कष्ट मिटाकर जन-भय हरते॥१३॥
सब भक्तन के पालक तुम हो।
दनुज वृत्ति कुल घालक तुम हो॥१४॥
कुष्ट रोग से पीड़ित होई।
आवे सभय शरण तकि सोई॥१५॥
भक्षण करे भभूत तुम्हारा।
चरण गहे नित बारहिं बारा॥१६॥
परम रूप सुन्दर सोई पावै।
जीवन भर तव यश नित गावै॥१७॥
पागल बन विचार जो खोवै।
देखत कबहुं हंसे फिर रोवै॥१८॥
तुम्हरे निकट आव जब सोई।
भूत पिशाच ग्रस्त उर होई॥१९॥
तुम्हरे धाम आई सुख माने।
करत विनय तुमको पहिचाने॥२०॥
तव दुर्धष तेज के आगे।
भूत-पिशाच विकल होई भागे॥२१॥
नाम जपत तव ध्यान लगावत।
भूत पिशाच निकट नहिं आवत॥२२॥
भांति-भांति के कष्ट अपारा।
करि उपचार मनुज जब हारा॥२३॥
हरसू ब्रह्म के धाम पधारे।
श्रमित-भ्रमित जन मन से हारे॥२४॥
तव चरणन परि पूजा करई।
नियत काल तक व्रत अनुसरई॥२५॥
श्रद्धा अरू विश्वास बटोरी।
बांधे तुमहि प्रेम की डोरी॥२६॥
कृपा करहुं तेहि पर करुणाकर।
कष्ट मिटे लौटे प्रमुदित घर॥२७॥
वर्ष-वर्ष तव दर्शन करहीं।
भक्ति भाव श्रद्धा उर भरहीं॥२८॥
तुम व्यापक सबके उर अंतर।
जानहुं भाव कुभाव निरन्तर॥२९॥
मिटे कष्ट नर अति सुख पावे।
जब तुमको उन मध्य बिठावे॥३०॥
करत ध्यान अभ्यास निरन्तर।
तब होइहहिं प्रकाश उर अंतर॥३१॥
देखिहहिं शुद्ध स्वरूप तुम्हारा।
अनुभव गम्य विवेक सहारा॥३२॥
सदा एक-रस जीवन भोगी।
ब्रह्म रूप तब होइहहिं योगी॥३३॥
यज्ञ-स्थल तव धाम शुभ्रतर।
हवन-यज्ञ जहं होत निरंतर॥३४॥
सिद्धासन बैठे योगी जन।
ध्यान मग्न अविचल अन्तर्मन॥३५॥
अनुभव करहिं प्रकाश तुम्हारा।
होकर द्वैत भाव से न्यारा॥३६॥
पाठ करत बहुधा सकाम नर।
पूर्ण होत अभिलाष शीघ्रतर॥३७॥
नर-नारी गण युग कर जोरे।
विनवत चरण परत प्रभु तोरे॥३८॥
भूत पिशाच प्रकट होई बोले।
गुप्त रहस्य शीघ्र ही खोले॥३९॥
ब्रह्म तेज तव सहा न जाई।
छोड़ देह तब चले पराई॥४०॥
|| दोहा ||
पूर्ण काम हरसू सदा, पूरण कर सब काम।
परम तेज मय बसहुं तुम, भक्तन के उर धाम॥
हरषु ब्रम्ह चालीसा के फायदे Shri Harsu Brahm Chalisa Pdf benifit.
श्री हरषु ब्रम्ह,(Harsu Brahm Chalisa Pdf ) हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के एक अवतार के रूप में जाने जाते हैं। उनका नाम और उनकी कथाएँ हमें वेदों, पुराणों और अन्य धार्मिक ग्रंथों में मिलती हैं। हरषु ब्रम्ह ,(Harsu Brahm Chalisa Pdf ) का चालीसा एक प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ है जिसमें उनकी महिमा, गुण, और कार्यों की स्तुति की गई है।
श्री हरषु ब्रम्ह चालीसा ,(Harsu Brahm Chalisa Pdf ) का पाठ करने से ध्यान की शक्ति बढ़ती है, मन कष्टों से मुक्त होता है, और आत्मा को शांति मिलती है। यह चालीसा भक्तों को संगठन, ध्यान और श्रद्धा में संगीतिक और भावात्मक समृद्धि प्रदान करती है।
हरषु ब्रम्ह चालीसा के आध्यात्मिक महत्त्व Spiritual importence :
श्री हरषु ब्रम्ह के चालीसा (Harsu Brahm Chalisa Pdf ) का पाठ करने से हमें निरंतर आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्राप्त होता है। यह हमें संजीवनी शक्ति प्रदान करता है जो हमें जीवन के हर क्षण में साहस, सहनशीलता, और समझने की क्षमता देता है।
श्री हरषु ब्रम्ह चालीसा (Harsu Brahm Chalisa Pdf ) का पाठ करने से हम अपने मन को शुद्ध करते हैं, और भगवान के प्रति हमारी भक्ति में वृद्धि होती है। यह चालीसा हमें भगवान के अद्भुत गुणों का अनुभव कराती है और हमें उनकी कृपा को प्राप्त करने का मार्ग दिखाती है।
समाप्ति रूप में, श्री हरषु ब्रम्ह चालीसा (Harsu Brahm Chalisa Pdf ) हमें अद्वितीय आनंद और शांति का अनुभव कराती है। यह हमें जीवन के हर पहलू में आध्यात्मिकता की ओर ले जाती है और हमें सच्चे आनंद की खोज में अग्रसर करती है। इसलिए, हम सभी को श्री हरषु ब्रम्ह चालीसा (Harsu Brahm Chalisa Pdf ) का पाठ करने की सलाह देते हैं और अपने जीवन को ध्यान, श्रद्धा और प्रेम से भर देने का प्रयास करते हैं।
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