राधा-कृष्ण के भजन लिखे हुए । कृष्ण और राधा के भजन हिंदी में लिखे हुए

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राधा-कृष्ण के भजन लिखे हुए | कृष्ण और राधा के भजन हिंदी में लिखे हुए :-राधा-कृष्ण के भजनों में अनगिनत रस होते हैं, जो भक्ति और प्रेम की ऊँचाइयों को छूने में सक्षम हैं। यहां एक छोटे से भजन का प्रयास किया गया है:कृष्ण भजनों की मधुर धुन में खो जाइए, जहां प्रत्येक शेर भक्ति और प्रेम की भावना को सुरक्षित करता है। राधा-कृष्ण के शाश्वत समर्थन को गाने वाले इस लेख में, आत्मा की अनुपमता को साकार करते हैं। मेलोदीज की धुन में, भक्ति और आनंद का सार चित्रित है। इस आध्यात्मिक यात्रा में रोमांचित हों, जब राधा-कृष्ण के अनंत सौंदर्य की बातें साझा करें।

[ राधा-कृष्ण के भजन लिखे हुए ]

कृष्ण हिंदी भजन 1 :-

कान्हा तेरी मुरली बजे बजे।
दौड़ी दौड़ी आए गोपियां कभी धुन सुन मस्ती चढ़े,
कान्हा रे कान्हा रे कान्हा रे राधिका तुमको पुकारे,
कान्हा तेरी मुरली बजे बजे।
माता यशोदा की अखियां का तारा है,
हे नंदलाला तू सबका दुलारा है,
सबके यह दिल में रहे,
कान्हा तेरी मुरली बजे बजे।
मटकी को फोड़े ए तू सबको सताए रे,
माखन चुरा के तू सबको खिलाए रे,
ओम लीला तेरी सबसे परे,
कान्हा तेरी मुरली बजे बजे।
सबका सहारा तू सबका सहाई है,
गिरधारी तूने ही दुनिया बसाई है,
ओ हाथ तेरा सिर पे रहे,
कान्हा तेरी मुरली बजे बजे।
 कान्हा तेरी मुरली बजे बजे।।

[ राधा-कृष्ण के भजन लिखे हुए ]

कृष्ण हिंदी भजन 2 :-

तेरी अखियां है जादू भरी
बिहारी जी मैं कब से खड़ी
तुमसा ठाकुर कोई ना पाया
तुम ही से मैंने नयन लगाया-2
तेरे द्वार पर आन पड़ी
बिहारी…..
सुन लो मेरे श्याम सलोना
तुमने मुझ पर किया है टोना-2
मेरी अखियां है तुमसे लड़ी
बिहारी…..
सुन लो मेरे दास के स्वामी
बांके बिहारी अंतर्यामी-2
मेरी टूटे ना भजन लड़ी
बिहारी जी….

[ राधा-कृष्ण के भजन लिखे हुए ]

कृष्ण हिंदी भजन 3:-

श्री कृष्ण कन्हैया को
हृदय में बसा लेना
उस अंतर्यामी को दिल से ना भुला देना।
संसार में जो आया
उसे एक दिन जाना है
जो कर्म किया जिसने
वही फल पाना है
निष्काम भाव से तुम शुभ कर्म कमा लेना।
श्री कृष्ण….
संसार के सागर में
नैया ना भटक जाए जाए
तूफान तरंगों में
फसकर ना अटक जाए
विषयों के भंवर से तुम, नैया को बचा लेना
श्री कृष्ण…..
इस मानव जीवन में
कब होश में आओगे
यह सुंदर अवसर है
कब हरि गुड गाओगे
और सांसों की नगद पूँजी यूं ही ना गवां देना।
श्री कृष्ण….
श्री कृष्ण ने अर्जुन को
यह राज बताया है
जो शरण में आए हैं
उन्हें बार लगाया है
इस जन्म मरण धोखे से छुटकारा पा लेना

राधा हिंदी भजन 1 :-

राधे रानी हमारी रखवार, फिकिर हमें काहे की।
फिकिर हमें काहे की, फिकिर हमें काहे की।।
राधे रानी हमारी रखवार॰
हे मां सब शक्तिन की शक्ति,
श्याम भी करते इनकी भक्ति।
रहते बनकर के दास मुरारी।।
फिकिर हमें काहे की।
सकल देव जिनकौ यश गावें,
ऋषि-मुनि सनकादिक जिन्हें ध्यावें।
शुक, शारद, नारद बलिहार।।
फिकिर हमें काहे की।
कलिमल हरत,अधम तारत हैं,
भौंह की कोर श्याम धारत हैं।
तीनों लोकों में महिमा अपार।।
फिकिर हमें काहे की।
निज मुख श्याम यह भेद बतावें,
मुरली में राधा राधा गावें।
इनकी शक्ति में लीनो गिरधार।।
फिकिर हमें काहे की।
कृष्ण कृपा जो प्राणी चाहे,
राधा-राधा रटके पाऐ।
भक्तों के संग कर पुकार।।
फिकिर हमें काहे की।

[ राधा-कृष्ण के भजन लिखे हुए ]

राधा हिंदी भजन 2 :-

सदा ब्रज में रहेंगे ‘राधे-राधे’ कहेंगे।
सफल जीवन करेंगे, सदा बृज में रहेंगे।।
राधे-राधे कहेंगे, राधे-राधे कहेंगे।
हमारा ब्रज बड़ा सुख धाम,
ये तो तीर्थन में सरनाम।।
हमारा ब्रज°
जीवन सुख से भोगेंगे।।
सदा राधे-राधे°
हमारा ब्रज देवी का वास,
यहां पर पूर्ण होती आस।
हमारा ब्रज °
आस मन की सब पूरेंगे।।
सदा राधे-राधे°
हमारे बृज में जमुना घाट,
नहावें मल-मल अपना गात।।
हमारे बृज°
पाप इसमें सब बहेंगे।।
सदा राधे राधे°
हमारे ब्रज में ठाकुर द्वारे,
लगते रहेंगे जहां जयकारे।
हमारे ब्रज°
नित्य ‘प्रभु’ दर्शन करेंगे।।
सदा राधे-राधे°
 

[ राधा-कृष्ण के भजन लिखे हुए ]

श्याम मोहन कृष्ण कन्हैया

श्याम मोहन कृष्ण कन्हैया, गोपियों का मन है बहुत पागल।
राधा रानी के संग रस रचाता, नंद के लाल नंदलाल।

राधा के चरणों में रात बिताऊँ

राधा के चरणों में रात बिताऊँ,
प्रेम रंग में हूँ, खो जाऊँ।
गोपियों संग रास रचाऊँ,
मोहन मुरली बजा कर मैं गुण गाऊँ।

गोविंद बोल हरि गोपाल बोल

गोविंद बोल हरि गोपाल बोल,
प्रेम की भाषा में हैं ये बोल।
मन मोहित, विचलित हृदय धर,
राधा रंग में हैं हम सभी खोल।

मेरे साथी मोहन राधा के संग

मेरे साथी मोहन राधा के संग,
गोपियों की तारीक में बहुत रंग।
प्रेम की धारा में हूँ बह रहा,
मेरे हृदय को छू गया तू हर पल।

मन मोहन कृष्ण मुरारी

मन मोहन कृष्ण मुरारी,
गोपियों के दिल की धड़कन हमारी।
रास रचाते हैं बनमाली,
प्रेम के सागर में हैं हम सारी।

राधा कृपा करें गोपाल

राधा कृपा करें गोपाल,
भक्ति में रूपी अमृत बहाएं।
मोहिनी मूरत, नीले अंग श्याम,
चारों ओर प्रेम की धारा बहाएं।

गिरिधर गोपीनाथ बंसीवाले

गिरिधर गोपीनाथ बंसीवाले,
रासरास में हम सभी हावी।
गोपियाँ तेरे दर्शन को बेताब,
मोहन मुरली से हैं हम प्यारे।

बृजबाला के सवारी

बृजबाला के सवारी,
गोपियाँ तेरी मुरली की ध्वनि है प्यारी।
राधा के संग हो रसरास में,
कृष्ण कन्हैया हम सबको आँचल से बाँधे।

राधा कृष्ण की लीला

राधा कृष्ण की लीला,
मधुर मधुर रासरास में भवहरित।
गोपियाँ तेरी श्याम संग रातें गुजारती,
प्रेम के अद्वितीय सागर में खो जाती।

गोपिका हृदय में बसे

गोपिका हृदय में बसे,
कृष्ण के चरणों में रातें कटे।
रासरास में रसराज हमारे,
प्रेम के मधुसागर में हम सभी बह जाएं।

 
राधा और कृष्ण के हिंदी भजन का संग्रह आपको यहां पर उपलब्ध होता रहेगा आप हमको मैसेज बॉक्स में लिखकर बता सकते हैं कि आपको यह राधा और कृष्ण के भजन कैसे लगे? अगर आपको राधा और कृष्ण के हिंदी भजन अधिक चाहिए तो आप हमें बता सकते हैं अपनी राय हमें मैसेज बॉक्स में जरूर दें धन्यवाद!
राधे राधे। जय श्री कृष्णा

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