आज हम आप लोगों को माता संतोषी चालीसा Maa Santoshi Chalisa की महिमा का गुणगान करेंगे। माता संतोषी चालीसा पीडीएफ पढ़ने से माता संतोषी का कृपा प्राप्त होता है और माता संतोषी अपने भक्तों की सारी दुखों का निवारण करती हैं। माता संतोषी एक मां दुर्गा की अवतार है जो कि उनके नौ रूपों में से एक रूप है। माता संतोषी ने राक्षसो का संघार करके पृथ्वी पर धर्म का राज स्थापित किया था।
Maa Santoshi Chalisa Pdf :
जो भक्त माता संतोषी के इस चालीसा Maa Santoshi Chalisa का पाठ करते हैं वह जरूर अपने जीवन में सफल होते हैं और उनकी सारी इच्छाएं पूरा होती है। दोस्तों हम यहां पर माता संतोषी के चालीसा के लिरिक्स दे रहे हैं। जिसका अध्ययन करके और उसको पढ़कर आप माता संतोषी की चालीसा का जाप कर उनके आशीर्वाद के कृपा प्राप्त बन सकते हैं आशा है कि आप इसका उपयोग करेंगे।
Maa Shantoshi Chalisa Lyrics in Hindi :
मा संतोषी चालीसा लिरिक्स
|| दोहा ||
बन्दौं सन्तोषी चरण रिद्धि-सिद्धि दातार ।
ध्यान धरत ही होत नर दुःख सागर से पार ॥
भक्तन को सन्तोष दे सन्तोषी तव नाम ।
कृपा करहु जगदम्ब अब आया तेरे धाम ॥
|| चौपाई ||
नाम अनेक तुम्हारे माता । अखिल विश्व है तुमको ध्याता ॥
तुमने रूप अनेकों धारे । को कहि सके चरित्र तुम्हारे ॥
धाम अनेक कहाँ तक कहिये । सुमिरन तब करके सुख लहिये ॥
विन्ध्याचल में विन्ध्यवासिनी । कोटेश्वर सरस्वती सुहासिनी ॥
कलकत्ते में तू ही काली । दुष्ट नाशिनी महाकराली ॥
सम्बल पुर बहुचरा कहाती । भक्तजनों का दुःख मिटाती ॥
ज्वाला जी में ज्वाला देवी । पूजत नित्य भक्त जन सेवी ॥
नगर बम्बई की महारानी । महा लक्श्मी तुम कल्याणी ॥
मदुरा में मीनाक्शी तुम हो । सुख दुख सबकी साक्शी तुम हो ॥
राजनगर में तुम जगदम्बे । बनी भद्रकाली तुम अम्बे ॥
पावागढ़ में दुर्गा माता । अखिल विश्व तेरा यश गाता ॥
काशी पुराधीश्वरी माता । अन्नपूर्णा नाम सुहाता ॥
सर्वानन्द करो कल्याणी । तुम्हीं शारदा अमृत वाणी ॥
तुम्हरी महिमा जल में थल में । दुःख दारिद्र सब मेटो पल में ॥
जेते ऋषि और मुनीशा । नारद देव और देवेशा ।
इस जगती के नर और नारी । ध्यान धरत हैं मात तुम्हारी ॥
जापर कृपा तुम्हारी होती । वह पाता भक्ति का मोती ॥
दुःख दारिद्र संकट मिट जाता । ध्यान तुम्हारा जो जन ध्याता ॥
जो जन तुम्हरी महिमा गावै । ध्यान तुम्हारा कर सुख पावै ॥
जो मन राखे शुद्ध भावना । ताकी पूरण करो कामना ॥
कुमति निवारि सुमति की दात्री । जयति जयति माता जगधात्री ॥
शुक्रवार का दिवस सुहावन । जो व्रत करे तुम्हारा पावन ॥
गुड़ छोले का भोग लगावै । कथा तुम्हारी सुने सुनावै ॥
विधिवत पूजा करे तुम्हारी । फिर प्रसाद पावे शुभकारी ॥
शक्ति-सामरथ हो जो धनको । दान-दक्शिणा दे विप्रन को ॥
वे जगती के नर औ नारी । मनवांछित फल पावें भारी ॥
जो जन शरण तुम्हारी जावे । सो निश्चय भव से तर जावे ॥
तुम्हरो ध्यान कुमारी ध्यावे । निश्चय मनवांछित वर पावै ॥
सधवा पूजा करे तुम्हारी । अमर सुहागिन हो वह नारी ॥
विधवा धर के ध्यान तुम्हारा । भवसागर से उतरे पारा ॥
जयति जयति जय सन्कट हरणी । विघ्न विनाशन मंगल करनी ॥
हम पर संकट है अति भारी । वेगि खबर लो मात हमारी ॥
निशिदिन ध्यान तुम्हारो ध्याता । देह भक्ति वर हम को माता ॥
यह चालीसा जो नित गावे । सो भवसागर से तर जावे ॥
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माता संतोषी चालीसा पीडीएफ Maa Santoshi Chalisa का अध्ययन करके हम माता संतोषी के कृपा का पात्र बन सकते हैं इसमें हम आपको माता संतोषी चालीसा पीडीएफ की लिरिक्स उपलब्ध करा रहे हैं और साथ ही साथ माता संतोषी चालीसा पीडीएफ का को डाउनलोड बटन के द्वारा उपलब्ध करा रहे हैं आप इसको डाउनलोड करके अपने पास सेव कर सकते हैं और भविष्य में Maa Santoshi Chalisa Pdf का पाठ कर सकते हैं माता संतोषी के चालीसा का पाठ करने से भक्तों की समस्या दुखों को दुख दूर हो जाते हैं और भक्त अपने जीवन में बहुत आगे बढ़ते हैं माता संतोषी चालीसा पीडीएफ का पाठ करने से घर में सुख शांति और वैभव बना रहता है और भक्तों को बहुत ही ज्यादा फायदा होता है तो लिए पेश करते हैं माता संतोषी चालीसा पीडीएफ धन्यवाद.